हिंदुस्तान के शिखर समागम मंच से बोलते हुए राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने प्रशांत किशोर पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि पहले महागठबंधन में नीतीश कुमार और लालू यादव के एक साथ आने में प्रशांत किशोर ने कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं निभाई।
आपको बताते चलें कि अभी हाल में ही प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अभी हाल में जदयू ने जब से सी ए ए कानून का समर्थन किया तब से प्रशांत किशोर पार्टी के आलाकमान से नाराज चल रहे थे। वह इस बात का विरोध ट्वीट के माध्यम से भी दे रहे थे। अभी कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह कहा कि गांधी और गोडसे की विचारधारा एक साथ नहीं चल सकती।
इन सब बातों के मद्देनजर जब राजद के नेता मनोज झा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बिहार में प्रशांत किशोर विपक्ष के लिए चेहरा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा अगर लालू जी और नीतीश कुमार एक साथ ना आए होते तो ऐसे 100 प्रशांत किशोर मिलकर भी महागठबंधन को जीत नहीं दिला पाते। उन्होंने आगे ये कहा कि बिहार में अगर कोई मुख्यमंत्री पद का दावेदार है तो वह तेजस्वी यादव हैं।
जब उनसे रैली में आई भीड़ पर सवाल पूछा गया, कि कन्हैया कुमार की रैली में बहुत लोग आते हैंतो इसका जवाब देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी जो भी सी ए ए और एनआरसी के खिलाफ लोग खड़े हैं उसका एक अलग मकसद है। उस प्रोटेस्ट का मतलब देश के संविधान को बचाना और देश तोड़ने वाली ताकतों को हराना है। उस प्रोटेस्ट की भीड़ को सिर्फ बिहार की राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए क्योंकि प्रोटेस्ट पूरे देश में हो रहा है