निर्भया केस के तीन दोषियों ने फांसी रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया, 20 मार्च को होनी है फांसी
इंसानियत के नाम पर कलंक और निर्भया गैंग रेप और मर्डर केस के मामले में चारो दोषी ( विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, अक्षय सिंह और मुकेश सिंह) । शुरू से ही है चारों अपने वकील के साथ मिलकर अलग-अलग पैंतरे लगा रहे हैं अपनी फांसी को टालने के लिए । आपको बताते चलें कि पहले भी फांसी की तारीख है एक बार टल चुकी है जब इन लोगों ने मिलकर राष्ट्रपति के पास दया याचिका दी थी।
इस बार 20 मार्च को इनकी फांसी तय हुई है, जिसके लिए जेल में भी सभी तैयारियां की जा चुकी हैं।फांसी से पहले इन सभी दोषियों की एक मेडिकल जांच कराई जाएगी तथा दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी जा चुकी है लेकिन किसी ने अभी तक बताया नहीं है।
इस मामले में एक नया मोड़ आया है जब इन चार में से तीन दोषियों ने नीदरलैंड के हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है कि उनकी फांसी रोक दी जाए। उन्होंने अपने वकील ए पी सिंह के माध्यम से दायर याचिका में यहां तक कहां है कि इन लोगों को “दोषपूर्ण” जांच के जरिए दोषी करार दे दिया गया और उन्हें इस केस में बली का बकरा बनाया गया है।
शुरू से ही यह चारों अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं ताकि इनकी सजा टल सके, वही निर्भया की मां इतने सालों से न्याय के इंतजार में हैं। एक पुरानी कहावत है कि देर से मिली न्याय एक तरह से अन्याय ही हैं, और निर्भया के मामले में कुछ हद तक यह बात सही भी दिख रही है।
आपको बताते चलें कि पहले भी इन चारों दोषियों ने अपनी फांसी की तारीख में बदलाव कराने के लिए आखिरी समय में राष्ट्रपति के पास एक दया याचिका की थी जिसके वजह से इनके फांसी को आगे की तरफ टालना पड़ा था। फिर से देखना होगा इस बार इनकी फांसी तय तारीख 20 मार्च को हो पाती है या नहीं।
Caste playing role here too.