मैट्रिक के बाद क्या पढ़े? जानिए हर एक विकल्प को विस्तार से
दसवीं की परीक्षा जिसे मैट्रिक के नाम से भी जाना जाता है, भारत में किसी भी विद्यार्थी के जीवन का सबसे पहला पड़ाव है। सच कहिए तो मैट्रिक की परीक्षा एक आधार बनकर जीवन भर काम आता है। इसी वजह से आमतौर पर अपने बड़ों से यह कहते भी सुना है कि” बस मैट्रिक तक अच्छे से मेहनत कर लो, और जीवन तुम्हारा खुशहाल हो जाएगा”
इस बात में सच्चाई भी है, क्योंकि पढ़ने और सीखने की ललक और जिज्ञासा छोटे उम्र में ज्यादा रहती है । और अगर सच में दसवीं कक्षा तक जिसने भी पढ़ाई की धुन को अपने अंदर समा लिया, वह आगे जाकर कामयाबी तक पहुंच पाता है।
जब मैट्रिक का इम्तेहान इतना जरूरी है तो फिर उसके बारे में हर एक जानकारी आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। लेकिन ये अपने बिहार बोर्ड में पढ़ने वाले छात्रों की बदकिस्मती है कि वह जानकारी आसानी से हर जगह उपलब्ध नहीं हो पाती ।
मैंने ऐसे ऐसे होनहार विद्यार्थी को देखा है जो मेहनती भी होते है लेकिन अच्छी राह बताने वाला नहीं मिलने से, वे पीछे रह जाते हैं। इसी मकसद से यह लेख लिखने की कोशिश की जा रही है, ताकि मैट्रिक से जुड़े हर एक सवाल और हर एक विकल्प के बारे में बताया जा सके, और अपने विद्यार्थयों को एक जगह उनके कैरियर से जुड़ी जानकारी मिल सके।
जो विद्यार्थी इस साल 10 वीं क्लास में जाने वाले हैं उनके लिए एक लेख अलग से लिखा गया है, ताकि वो अभी से किस तरह से पढ़ाई करना शुरू करे कामयाबी पाने के लिए। उस लेख को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करे।
जिन बच्चों ने मैट्रिक का इम्तेहान इस साल दिया है वो इस लेख को आगे तक पढ़ते रहे।
- अपने बिहार के विद्यार्थी चाहे किसी भी बोर्ड से पढ़े, आमतौर पर अंग्रेजी बोलने या समझने में कमज़ोर रहते हैं। और इसी वजह से वो हमेशा अपने आप को कम समझते रहते हैं। भले ही गणित में 100 में 100 लाने वाले क्यों न हों लेकिन अंग्रेज़ी की कमी के वजह से उनका आत्मिश्वास कमज़ोर रहता है।
- अपने बिहार के बच्चों को ध्यान में रखते हुए एक अंग्रेजी के लिए भी अलग सीरीज शुरू की जाएगी जिसको आप यहां से देख सकेंगे।
- वैसे अंग्रेजी भाषा को जितना जल्दी सीख लिया जाए उतना फायदा ही होगा। क्योंकि दसवीं के बाद जो भी अच्छी अच्छी किताबें हैं वह लगभग सब अंग्रेजी भाषा में है या फिर दूसरे भाषा से भी अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया जा चुका है। तो अगर मुझसे पूछिए कि वह कौन सी भाषा सीखी जाए जिसके बाद बहुत सी चीजें आसानी से पढ़ सकेंगे तो मेरा जवाब अंग्रेजी होगा।
अब आगे लेख में कुछ सुझाव बताए जाएंगे और उस से जुड़े सारे विकल्प भी वहीं पर बताए जाएंगे।
- मेट्रिक का एग्जाम देने के बाद इधर उधर घूमने के बजाय किसी अच्छे अंग्रेजी के कोचिंग में दाखिला लेकर ,दो से तीन महीनों में फराटे-दार अंग्रेजी बोलना और समझना सीख जाइए (अगर किसी वजह से कोचिंग में नहीं पढ़ सकते तो घर पर ही मोबाइल में आजकल यूट्यूब पर या फिर ख़ान अकैडमी पर अच्छे-अच्छे सिखाने वाले वीडियो हैं, वहां से सीखिए)
- मैट्रिक करने के बाद वैसे तो बहुत सारे विकल्प हैं लेकिन यहां पर ज्यादा प्रचलित विकल्पों को अच्छे से समझाया जा रहा है। बाकी बचे विकल्पों को धीरे धीरे अलग-अलग लेख के दो माध्यम से बताया जाएग। किसी भी विकल्प के बारे में पूरी जानकारी के लिए वहां दिए लिंक पर क्लिक कीजिए और अच्छे से पूरी जानकारी का लेख पढ़िए
- सबसे पहला विकल्प मैट्रिक के बाद 11वीं कक्षा में दाखिला लेना है। 2 साल की इंटर की पढ़ाई में आप के पास चार अलग-अलग विकल्प मौजूद रहेंगे। आप इंटर में साइंस ले सकते हैं या फिर कॉमर्स ले सकते हैं या फिर आर्ट्स ले सकते हैं नहीं तो फिर कानून की पढ़ाई कर सकते हैं।
- दूसरा विकल्प है 3 साल का पॉलिटेक्निक डिप्लोमा। इस पढ़ाई में आप अलग-अलग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री हासिल कर सकेंगे या फिर अगर आप लगातार क्लास नहीं कर सकते तो पार्ट टाइम में 4 साल में पार्ट टाइम डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं।
- तीसरा विकल्प है 2 साल का आईटीआई। इस कोर्स में आप अलग अलग तरह का ट्रेड डिग्री ले सकते हैं जैसे कि लकड़ी के कामकाज के लिए बढ़ई, लोहे का कामकाज के लिए लोहार, घर बनाने का कामकाज के लिए मिस्त्री, पलंबर, इत्यादि
- चौथा विकल्प पारा मेडिकल का है जो कि दो या तीन साल का कोर्स होता है। इस कोर्स को करने के बाद आप अलग-अलग क्षेत्रों में असिस्टेंट टेक्नीशियन के पद पर काम कर सकेंगे जैसे कि फिजियोथैरेपी टेक्नीशियन, x-ray technician, दंत चिकित्सक टेक्नीशियन इत्यादि
- पांचवा विकल्प है 6 महीने से 1 साल तक होने वाला छोटा छोटा सर्टिफिकेट कोर्स। हालांकि आजकल यह छोटे कोर्स भी अपना एक अलग पहचान बना चुके हैं क्योंकि इनको करने के बाद जल्दी से एक आमदनी का स्रोत मिल पाता है। इसमें वीडियो एडिटिंग ,फिल्म मेकिंग, वेबसाइट डिजाइनिंग और इसी तरह के अलग-अलग कोर्स हैं।