80 वर्ष की उम्र में बिना पैसे लिए, स्टेशन पर मजदूरों का सामान ढो रहे हैं कुली मुजीबुल्लाह
इंडियन एक्सप्रेस अखबार में फोटो के साथ छपी है खबर। खबर के अनुसार एक 80 वर्षीय बुजुर्ग कुली मुजीबुल्लाह लखनऊ (LUCKNOW) के चारबाग रेलवे स्टेशन (CHARBAGH RAILWAY STATION) पर बिना किसी से पैसे लिए प्रवासी मजदूरों का सामान ढो रहे हैं।
इस खबर को पढ़ने के बाद स्वयं से पड़ताल के लिए निकली मधु गर्ग लिखती हैं कि जब वे लोग प्रवासी मजदूरों की मदद हेतु कुछ राहत वितरण सामान बांटने गए तो उन लोगों की मुलाकात भी इन फरिश्ता रूपी बुजुर्ग से हो गए।
मधु गर्ग आगे लिखती हैं कि कुली मुजिबुल्लाह लोगों का सामान उठाकर मदद कर रहे थे और लोगों को कह रहे थे” भैया पैसा नहीं चाहिए तुम सब इतनी तकलीफ में खुद ही हो” । कुली मुजिबुल्लाह ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि वह चारबाग रेलवे स्टेशन पर 1970 से गोली का काम कर रहे हैं अपने पेशा पर उनको बहुत ही नाज है वह अपनी बेटी के साथ गुलजार नगर में रहते हैं और 6 किलोमीटर पैदल चलकर हर रोज स्टेशन आते हैं ताकि वहां आने वाले प्रवासी मजदूरों की मदद की जा सके। जी हां और चौंकाने वाली बात यह है कि वह उनकी उम्र 80 बरस से ज्यादा है जो कि वह खुद ही बताते हैं।
लॉकडाउन की वजह से जब कोई स्टेशन पर मदद के लिए नहीं दिखता है इसी वजह से मुजीब उल्लाह सिर्फ लोगों की मदद करने स्टेशन आते हैं।
मधु गर्ग आगे लिखती हैं कि उनसे बात करने पर ऐसा लगा मानों किसी सूफी संत से बात हो रही हो। एक साधारण से दिखने वाले मुजीब उल्लाह ने जीवन का एक खूबसूरत सा दर्शन उन सबको करा दिया।
मूजीबुल्लाह का मानना है कि इस मुश्किल वक्त में यही तो इंसानियत है कि इंसान दूसरे इंसान के काम आए
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