“ये पीड़ित हैं ,अपराधी नहीं !” : गुजरात हाई कोर्ट ने दिया 33 प्रवासी मजदूरों को जमानत
गुजरात के अहमदाबाद में लगभग एक महीने पहले पुलिस के साथ झड़प के आरोप पर इन 33 प्रवासी मजदूरों को गिरफ़्तार किया गया था। ये सभी प्रवासी मजदूर 18 मई से जेल में थे जब के ख़िलाफ़ FIR किया गया था । इन सब पर विभिन्न कानूनी धाराओं के अंतर्गत FIR किया गया था।
कोर्ट के अनुसार जब इन प्रवासी मजदूरों के पास लॉकडॉउन में कोई काम और पैसे नहीं थे यह तक की खाने को भी कुछ नहीं था, उस समय इन्हे घर भेजने के इंतजाम के बजाए उन्हें जेल में डाल दिया गया।
गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को सभी मजदूरों को ₹500 के निजी बॉन्ड पर जमानत दे दी है।
आपको बताते चले की कोरोना महामारी के चलते किए गए देश व्यापी लोकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना इन्हीं गरीब प्रवासियों को सहना पड़ा है। बिना किसी साधन के कितने मजदूरों ने तो पैदल ही अपने राज्य पहुंचने का निर्णय लिया। बहोत से मजदूरों ने इसी व्यथा में अपनी जान भी गवाई है।
बिहार की एक बहादुर बिटिया ने अपने बीमार पिता को साईकिल चला कर घर पहुंचाया ।
इन सभी परेशानियों कि बीच यह भी ध्यान रखना है कि यह कारोना महामारी अभी भी अपने देश में थमने का नाम।नहीं ले रहा। अगर इसको हराना है थी हम सभी देश वासियों को सरकार द्वारा बताई जा रही सावधानी को पूरी तरह से पालन करना होगा