चाइना के साथ झड़प में सीमा पर वीरगति को प्राप्त सैनिक सुनील कुमार को श्रद्धांजलि देने तेजस्वी यादव तथा सुशील मोदी, पहुंचे पटना एयरपोर्ट
Tejasvi yadav and suseel modi reach patna airport to pay homage to Martyr Suneel Kumar
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प में देश के लिए जान कुर्बान करने वाले हवलदार सुनील कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए पटना एयरपोर्ट पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जयसवाल और राजद नेता तेजस्वी यादव पहुंचे. गौरतलब है कि जान गंवाने वाले सैनिकों में अधिकतर जवान बिहार से हैं.
गलवान घाटी में जान कुर्बान करने वाले हवलदार सुनील कुमार को श्रद्धांजलि देने सुशील मोदी, तेजस्वी यादव पटना एयरपोर्ट पहुंचे
जान गंवाने वाले सैनिकों में अधिकतर बिहार से हैं.
पटना : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों से बड़ी हिंसक झड़प में देश के लिए वीरगति को प्राप्त करने वाले हवलदार सुनील कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए पटना एयरपोर्ट पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जयसवाल और राजद नेता तेजस्वी यादव पहुंचे.शहीद हुए 20 सैनिकों में ज्यादातर बिहार से हैं
भारत-चीन सीमा पर अपनी जान कुर्बान करने वाले 20 भारतीय जवानों में से एक जय किशोर की खबर उनके पैतृक गांव वैशाली के चकफतह में सुनते ही गांव में कोहराम मच गया. घटना की सूचना मिलते ही गांव के लोग जय किशोर के जन्दाहा के चकफतह में सतही पैतृक आवास पर पहुंचने लगे. घटना की सूचना पर जय किशोर की मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. पिता राज कपूर सिंह ने बताया कि जय किशोर शुरुआत से काफी प्रतिभाशाली थे तथा देश के लिए कुछ कर गुजरने की उनमें प्रबल इच्छा थी. उनके बड़े भाई नंदकिशोर भी सेना में जवान थे, जिनसे प्रेरणा लेकर ही जय किशोर भी भारतीय सेना में जाने का फैसला लिया. जयकिशोर 2018 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. बिहार के दानापुर में ट्रेनिंग लेने के बाद 2019 में उनकी पोस्टिंग हुई थी. जय किशोर आखिरी बार होली से पहले अपने गांव आए थे. उन्होंने करीब एक महीने पहले अपने घरवालों से फ़ोन पर बात की थी. घटना की सूचना पर स्थानीय विधायक सहित बड़े नेताओं कें पहुंचने का दौर जारी है.
बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन प्रखंड के 24 साल के जांबाज अमन कुमार का नाम भी अपनी जान कुर्बान करने वालों की सूची में शामिल है. भारतीय-चीनी जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प में देश के नाम पर अपनी जान देने वाले अमन कुमार के जाने पर उनके घर के अलावा पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां के युवकों में देश सेवा की भावना इतनी है कि यहां के 55 से 60 प्रतिशत युवक डिफेंस की नौकरी करते हैं. अमन कुमार जिस गांव में रहते थे उस गांव के 40 फीसद युवा डिफेंस की नौकरी में हैं और गांव के वकील अमित कुमार कहते हैं कि जब-जब देश ने लड़ाई लड़ी है तब-तब यहां के जांबाज युवक शहीद हुए हैं.
input NDTV