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बाबा रामदेव की पतंजलि के कोरोना की दवा पर सरकार ने लगाई रोक, पहले मांगा प्रमाण

एक बड़ी खबर आ रही है की योग गुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद द्वारा विकसित की गई आयुर्वेदिक दवा जिसका दावा था कोरोना के इलाज में असरदार साबित होगी उस पर सरकार ने रोक लगा दिया है। सरकार ने सारे एडवर्टाइजमेंट और विज्ञापन बंद करने का आदेश दिया है और यह कहा है कि जब तक इसकी सत्यता की जांच नहीं हो जाती तब तक इस तरह की दवाओं का विज्ञापन नहीं किया जा सकता।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद से 7 दिनों के अंदर इस दवा से जुड़े सारे प्रमाण देने को कहा है और जब तक उन की सत्यता की जांच नहीं हो जाती तब तक पतंजलि द्वारा किसी तरह का आयुर्वेद दवा का प्रचार या विज्ञापन कोरोना से लड़ने हेतु नहीं किया जाएगा।

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आपको बताते चलें कि दो दवा जिनका नाम कोरोंनील और स्वसरी है । इन दोनों दवाओं को लगभग 280 मरीजों के ऊपर शोध करके बनाया गया है यह बात पतंजलि के स्थापक रामदेव बाबा ने मीडिया से कहा। दवा की कीमत ₹545 रखी जानी थी और लगभग 1 सप्ताह के अंदर देश के विभिन्न इलाकों में इसकी बिक्री शुरू होनी थी।

लेकिन अब आयुष मंत्रालय के द्वारा यह सारे विवरण मांगे जाने के बाद तथा इन दवाओं के विज्ञापन पर रोक लगाए जाने के बाद अब पतंजलि के लिए मुश्किल बढ़ गई है। क्योंकि सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद से यह भी साक्ष्य मांगा है कि किस तरह से इन लोगों ने शोध किया तथा क्या पतंजलि आयुर्वेद कंपनी ने इसके लिए जरूरी अनुमति ली थी और क्या जितने भी टेस्ट किए गए उन सब को किताबों में दर्ज किया गया। साथ ही आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से उन सभी अस्पतालों के नाम भी मांगे हैं जहां पर पतंजलि द्वारा इस दवा के विषय में शोध किया गया।

मंत्रालय ने पतंजलि से लाइसेंस की कॉपी तथा दवा के अप्रूवल की जानकारी भी मांगी है।

वही पतंजलि के खिलाफ देश के दो अलग-अलग हिस्सों में मुकदमे भी दर्ज हुए हैं। राजस्थान तथा हरियाणा में दर्ज मुकदमों के अनुसार पतंजलि पर आम लोगों को गुमराह करने का तथा बिना मेडिकल इंडियन काउंसिल के इजाजत के दवा लांच करने का आरोप लगाया गया।

आरोप यह भी है कि बिना किसी वैज्ञानिक साक्षी के इस तरह की दवाएं मार्केट में लांच कर के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। यहां तक कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी इन तरह की दवाओं से सतर्क रहने को नोटिफिकेशन जारी किया था।

वही पतंजलि के ceo आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि उन्होंने आयुष मंत्रालय द्वारा मांगे गए सभी कागजात मंत्रालय को भेज दिए। बाबा रामदेव ने यहां तक क्लेम किया की क्लिनिकल ट्रायल में इस आयुर्वेदिक दवा ने 100% तक रिजल्ट दिखाया है। पतंजलि ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के साथ मिलकर इस दवा के शोध पर काम किया है।

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