परिणाम परिणाम घोषित हो जाने के बाद जहां एक ओर कुछ विद्यार्थियों का चेहरा ख़ुशी से खिल जाता है। तो वहीं दूसरी ओर परिणाम संतोषजनक न आने पर कुछ विद्यार्थीयों का चेहरा मायूस हो जाता है। ख़बरें तो कई बार ऐसी भी सुनने को मिलती है कि परीक्षा परिणाम संतोषजनक व मनमुताबिक न आने की वजह से परीक्षार्थी ने गलत कदम उठाया। यह कतई उचित नहीं है। विद्यार्थियों को ऐसा कभी मत करना चाहिए। परिणाम जो भी आए स्वीकारना चाहिए व आगे कड़ी मेहनत करने के पश्चात परीक्षा देना चाहिए।
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अभिभावक भी समझे अपनी ज़िम्मेदारी- कई बार अभिभावक भी बच्चों के अच्छे परिणाम न आने के बाद बच्चों को बहुत डांटते है व अनावश्यक दबाव डालते हैं, जिनसे बच्चे तनावग्रस्त होकर गलत कदम उठाने के विषय में सोचते हैं। अभिभावकों को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए। परिणाम जैसा भी आए बच्चों का मनोबल तोड़ना नहीं चाहिए। अभिभावकों को बच्चों का साथ हर हाल में देना चाहिए। बच्चों को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि आगे तुम और अच्छा कर सकते हो, बस कड़ी मेहनत और लगन से तैयारी करो।